हरिद्वार 25 नबम्वर। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा है कि ज्ञान, तप, सौम्यता, त्याग एवं सरलता ही संत महापुरुषों का आभूषण है। और संतों ने सदैव ही समाज को ज्ञान की प्रेरणा देकर मार्गदर्शन किया है। ब्रह्मलीन स्वामी हरिद्वारी लाल महाराज एक विद्वान एवं तपस्वी महापुरुष थे। जिन्होंने सनातन परंपराओं का निर्वहन करते हुए राष्ट्र को सदैव उन्नति की ओर अग्रसर किया। समाज कल्याण में उनका अहम योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। नीलधारा तट स्थित मछला कुंड आश्रम में ब्रह्मलीन महंत हरिद्वारी लाल महाराज की चैहदवी पुण्यतिथि पर आयोजित संत सम्मेलन को संबोधित करते हुए आचार्य स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि महंत गंगादास महाराज गंगा तट से अनेकों सेवा प्रकल्प चलाकर राष्ट्र निर्माण में अपना अतुल्य सहयोग प्रदान कर रहे हैं। बाबा हठयोगी एवं स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि महापुरुष केवल शरीर त्यागते हैं समाज कल्याण के लिए उनकी शिक्षाएं अनंत काल तक मार्गदर्शक बनी रहती है। ब्रह्मलीन महंत हरिद्वारी लाल महाराज एक महान संत थे। जिन्होंने भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करते हुए गौ, गंगा सेवा का संदेश समाज को दिया ऐसे महापुरुष भारत के इतिहास में सदैव जीवंत रहेंगे। कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरुषों का आभार व्यक्त करते हुए मछला कुंड आश्रम के अध्यक्ष महंत गंगादास महाराज ने कहा कि संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता है। ब्रह्मलीन स्वामी पूज्य हरिद्वारी लाल महाराज एक युग महापुरुष थे। जिनके आदर्श पूर्ण जीवन का अनुसरण करते हुए युवा पीढ़ी को राष्ट्र की एकता अखंडता बनाए रखने में अपना सहयोग प्रदान करना चाहिए। उनके द्वारा स्थापित किए गए सेवा प्रकल्प में निरंतर बढ़ोतरी कर आश्रम को विधिवत उन्नति की ओर अग्रसर किया जा रहा है। यही उन्हें एक सच्ची श्रद्धांजलि है। इस दौरान महंत प्रेमदास, महंत सूरज दास, महंत प्रह्लाद दास, महंत शिवानंद, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी हरिहरानंद, स्वामी दिनेश दास, महंत दर्शन दास, महंत दामोदर दास, महंत निर्मल दास, महंत श्याम प्रकाश, महंत गंगादास उदासीन, महंत गुरमीत सिंह, महामंडलेश्वर स्वामी संतोष आनंद देव सहित कई संत महापुरुष उपस्थित रहे।
ब्रह्मलीन स्वामी हरिद्वारी लाल महाराज विद्वान एवं तपस्वी महापुरुष थे- आचार्य स्वामी कैलाशानंद गिरी
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