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माँ शैलपुत्री नवरात्रि के पहले दिन की अधिष्ठात्री देवी हैं। उनका नाम “शैलपुत्री” दो शब्दों से मिलकर बना है शैल यानी पर्वत और पुत्री यानी बेटी। इसलिए माँ शैलपुत्री को “पर्वतराज हिमालय की पुत्री” कहा जाता है। यह माँ दुर्गा का प्रथम रूप है और इन्हें नवदुर्गा में पहला स्थान प्राप्त है।

🌺माँ शैलपुत्री नवरात्रि के पहले दिन की अधिष्ठात्री देवी हैं। उनका नाम “शैलपुत्री” दो शब्दों से मिलकर बना है शैल यानी पर्वत और पुत्री यानी बेटी। इसलिए माँ शैलपुत्री को “पर्वतराज हिमालय की पुत्री” कहा जाता है। यह माँ दुर्गा का प्रथम रूप है और इन्हें नवदुर्गा में पहला स्थान प्राप्त है।🌺
🌺माँ शैलपुत्री का वाहन नंदी (बैल) है।🌺
🌺उनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का फूल होता है।🌺
उनका रूप अत्यंत शांत, सौम्य और तेजमय होता है।🌺
🌺भगवान शिव की पत्नी। जब सती ने अपने पिता दक्ष प्रजापति के यज्ञ में अपमानित होकर योगाग्नि में स्वयं को भस्म कर दिया, तब वे अगले जन्म में शैलराज हिमालय के घर पुत्री रूप में जन्मीं और शैलपुत्री कहलाईं। आगे चलकर उन्होंने घोर तपस्या करके फिर से भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया।🌺
🌺आपको और आपके परिवार को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ!🌺
🌺माँ दुर्गा की कृपा से आपका जीवन सुख, समृद्धि और सफलता से भर जाए।🌺
जय माता दी!🌺